बाल दिवस: जानिए क्यों मनाया जाता है और जवाहरलाल नेहरू के बारे में कुछ खास बातें
भारत के स्वतंत्र होने के बाद पंडित नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. स्वतंत्रता संग्राम और भारत के निर्माण के लिए उन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया था.
Pandit Jawaharlal Nehru
Pandit Jawaharlal Nehru
14 नवंबर 1889 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. देश में हर साल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन मनाया जाता है. पंडित नेहरू का योगदान भारत को अंग्रेज़ो की गुलामी से मुक्ति दिलाने से लेकर आज़ाद भारत के विकास के सभी पेहलूओं में रहा है. उनको आधुनिक भारत का वास्तुकार भी कहा जाता था.
बच्चों से था स्नेह
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जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह था. अपने जन्मदिन को वो बच्चों के साथ मनाते थे. जवाहरलाल नेहरू हमेशा कहते थे की बच्चे बगीचे की कली की तरह होतें हैं जिन्हें अच्छी देखभाल की ज़रूरत होती है. वे कहते थे देश का भविष्य बच्चों से है और देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे अहम भागीदार रहेंगे. उन्हें प्यार से बच्चे चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे. बच्चों के लिए बेशुमार प्यार और लगाव की वजह से जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर को हर वर्ष बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. बाल दिवस के दिन स्कूलों में भाषण, डांस, खेल, डिबेट जैसी कई प्रतियोगिताएं होती हैं. अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को इनाम दिया जाता है ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके.
इस साल भारत पंडित जवाहरलाल नेहरू की 133वीं जयंती मना रहा है. वह एक राष्ट्रवादी, धर्मनिरपेक्ष मानवतावादी, सामाजिक लोकतंत्रवादी और एक लेखक थे. भारत के स्वतंत्र होने के बाद पंडित नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. स्वतंत्रता संग्राम और भारत के निर्माण के लिए उन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया था.
आइए पंडित नेहरू की जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में जानें-
1. पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था. उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था.
2. 16 साल की उम्र तक उन्होंने अपनी शिक्षा निजी गवर्नेंस द्वारा प्राप्त की थी.
3. नेहरू ने 1907 से 1910 तक ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज से प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री पूरी करी.
4. प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री पूरी करने के बाद वे लंदन गए और वहां इनर टेम्पल से लॉ की डिग्री प्राप्त की.
5. लॉ पूरी करने के बाद पंडित नेहरू 1912 में भारत वापस आ गए और फिर उन्होंने इलाहाबाद के उच्च न्यायालय में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू करी.
6. वर्ष 1927 में नेहरू जी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में पहली बार पूर्ण स्वराज का विचार दिया था.
7. वर्ष 1929 में वे कांग्रेस के पहले अध्यक्ष बनें और पहली बार लाहौर में उनके द्वारा भारतीय ध्वज फहराया गया.
8. 1934 से 1935 तक पंडित नेहरू जेल में थे, जहां उन्होंने ‘स्वतंत्रता की ओर’ किताब लिखी, जो की उनकी आत्मकथा थी. यह किताब 1936 में यूएस में प्रकाशित की गयी थी.
9. भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में नेहरू जी 9 बार जेल गए थे. बताया जाता है की अपने जीवन के 3259 दिन नेहरू जी ने जेल में गुज़ारे थे.
10. 27 मई 1964 में दिल का दौरा पड़ने के कारण नेहरू जी का निधन हो गया था.
04:52 PM IST